सी बी एस ई द्वारा मान्यता या सम्बद्धता हेतु न्यूनतम मापदंड तय किये गए हैं उनके आधारशीला पर ही मान्यता के लिए आवेदन किया जा सकता है , बिंदुवार इनको समझे :
१) विद्यालय / स्कूल / पाठशाला शुरू करने के लिए भारत में सर्व प्रथम आपको सोसायटी / ट्रस्ट / सेक्शन-8 कंपनी बनाना अनिवार्य हैं | इसके बिना आप स्कूल का प्रयोजन नहीं कर सकते, यह तीनो का उद्देश्य NOT – FOR – PROFIT(गैर लाभार्थ) होना चाहिए
२) सी बी एस ई द्वारा न्यूनतम भूमि आवश्यकता 1.5 एकड़ है लेकिन ऐसे कई और मापदंड हैं शहर एवं प्रान्त अनुसार जिससे कम जगह में भी विद्यालय शुरू कर सकते हैं| जिस भूमि पर स्कूल बनाया जाएगा उसे या तो लीज किया जाना चाहिए या समाज या ट्रस्ट के नाम पर होना चाहिए।
३) भवन का निर्माण सरकार व् नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत शिक्षा के लिए तय मापदंडों के अनुरूप होना चाहिए व् समय समय पर सुपर कोर्ट व् सीबीएसई द्वारा दिए गए निर्देशों पर आधारित होना चाहिए |
३) राज्य सरकार की शिक्षा विभाग या बोर्ड से संबद्धता / मान्यता प्राप्त करें (स्थानीय शिक्षा कार्यालय से अनुमोदन प्राप्त करें)
४) राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र सीबीएसई की मान्यता हेतु एक अनिवार्य नियम है
५) विद्यालय शुरू करने के बाद नियमानुसार शिक्षक व् स्टाफ की भर्ती फिर बच्चों का एडमिशन , सभी दस्तावेज तैयार करने होते हैं
६) सीबीएसई मान्यता हेतु आवेदन ऑनलाइन जमा लिए जाते हैं जिसके लिए सीबीएसई का पोर्टल प्रति वर्ष “जनवरी से मार्च’ के बीच खुलता है जिसके लिए एंजियां करना होता हैं , सभी आवश्यक मांगी गयी जानकरी को भरे और अंत में पंजीयन शुल्क ऑनलाइन या फिर बैंक चलन के माध्यम से जमा किया जाता है |
ऑनलाइन आवेदन की प्रगति की जांच समय समय पर करते क्युकी सीबीएसई ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुचना जारी करती है, सीबीएसई आपको इसके लिए सुविधा प्रदान करता है। अपडेट ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से वेबसाइट चेक करना होता है और उसी में आपका पत्र सीबीएसई द्वारा अपलोड (जारी) किया जाता है
आपके आवेदन की पुस्टि हो जाने पर सीबीएसई उन अधिकारियों का जिक्र करते हुए एक पत्र जारी करता है जिन्हें स्कूल आने और निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किया गया है। समय बर्बाद किए बिना, उनके साथ संपर्क करते हुए ३० दिन के अंदर उन्हें निरिक्षण के लिए आने की व्यवस्था करें। उनमें से अधिकतर एक केंद्रीय विद्यालय (केन्द्रीय विद्यालय) प्रिंसिपल और दुसरे किसी भी सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त स्कूल से अनुभवी हाथ ।
७) निरिक्षण उपरांत सभी रिपोर्ट ऑनलाइन ही जमा किये जाते हैं और निरिक्षण की फाइल सबसेभेज दी जाती है |
८) फाइल व् निरिक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सीबीएसई मान्यता या एफिलिएशन प्रदान करती है जिसे सीधे ऑनलाइन ही दिए जाता हैं |
इस पूरी प्रक्रिया में सालभर का समय लग सकता हैं |
नोट : – सीबीएसई मान्यता की प्रक्रिया एक पारदर्शी प्रक्रिया है, अगर स्कूल सीबीएसई द्वारा तय मापदंडों पर पूरी तरह से खरी है और आपके कागज दुरुस्त हैं तो इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होती|
किसी स्कूल के मान्यता की प्रकिया का देर तक चलना या आवेदन का रद्द हो जाने के कुछ कारण होते हैं :-
अ ) बहुतायत स्कूल प्रिंसिपल या प्रबंधन को नियमो व् स्कूल निरिक्षण की प्रक्रिया के लिए जरुरी दस्तावेजों की जानकरी नहीं होती य फिर इसे सरल या आसानी से “Manage ” कर लिया जाने वाला मान लेते हैं
ब ) वो इस कार्य पर समय नहीं दे पाते
स ) पत्राचार एक कला है जिसमे विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है कोई भी जवाब देते समय उसकी “लीगल” जरुरत को ध्यान में रखना होता है |
सीबीएसई के आवेदन हेतु लिंक : – http://cbseaff.nic.in/cbse_aff/welcome.aspx
सीबीएसई द्वारा जारी आपके सवालों के जवाब: http://cbseaff.nic.in/cbse_aff/Attachment/OnlineServices/FAQ.pdf
आप अपने विद्यालय की सीबीएसई मान्यता की तैयारी में प्रारम्भ से सलाहकार के रूप में “स्कूल सपोर्ट” से सहयोग ले सकते हैं संपर्क हेतु +91 9644888899 पर कॉल कर सकते हैं